shiv chalisa lyrics Fundamentals Explained
shiv chalisa lyrics Fundamentals Explained
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तुरत षडानन आप पठायउ । लवनिमेष महँ मारि गिरायउ ॥
शिव को भस्म क्यों चढ़ाई जाती है, जानिए यहां भस्म आरती के राज
अर्थ- हे अनंत एवं नष्ट न होने वाले अविनाशी भगवान भोलेनाथ, सब पर कृपा करने वाले, सबके घट में वास करने वाले शिव शंभू, आपकी जय हो। हे प्रभु काम, क्रोध, मोह, लोभ, अंहकार जैसे तमाम दुष्ट मुझे सताते रहते हैं। इन्होंनें मुझे भ्रम में डाल दिया है, जिससे मुझे शांति नहीं मिल पाती।
अर्थ: पवित्र मन से इस पाठ को करने से भगवान शिव कर्ज में डूबे को भी समृद्ध बना देते हैं। यदि कोई संतान हीन हो तो उसकी इच्छा को भी भगवान शिव का प्रसाद निश्चित रुप से मिलता है। त्रयोदशी (चंद्रमास का तेरहवां दिन त्रयोदशी कहलाता है, हर चंद्रमास में दो त्रयोदशी आती हैं, एक कृष्ण पक्ष में व एक शुक्ल पक्ष में) को पंडित बुलाकर हवन करवाने, ध्यान करने और व्रत रखने से किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं रहता।
निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई ॥ पण्डित त्रयोदशी को लावे ।
जो यह पाठ करे मन लाई । ता पार होत है शम्भु सहाई ॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै ॥
शिव पंचाक्षर स्तोत्र
सब सुख लहै तुम्हारी सरना। तुम रच्छक काहू को डर ना।।
ॠनिया जो कोई more info हो अधिकारी । पाठ करे सो पावन हारी ॥
बुधवार – आप दीर्घायु तथा सदैव निरोगी रहते हैं.
कंचन बरन बिराज सुबेसा। कानन कुण्डल कुँचित केसा।।
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।